Water-sewer connection New policy : हरियाणा में बदल गई पानी-सीवर के कनेक्शन की पॉलिसी, पांच साल के लिए रोड कट शुल्क हुआ माफ !

water connection

Water-sewer connection policy changed in Haryana

Water-sewer connection New policy : हरियाणा में नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता वाली प्रदेश सरकार ने सूबे में पानी की बर्बादी रोकने और लोगों को पानी की सही इस्तेमाल करने के प्रति जागरूक करने के मकसद से पानी और सीवरेज कनेक्शनों के नियमितीकरण के लिए नई पॉलिसी लागू की है। इस पॉलिसी में हरियाणा की नगरपालिका सीमा के तहत आने वाले गांवों को भी शामिल किया गया है।

शहरी स्थानीय निकाय विभाग (ULB) सचिव विकास गुप्ता द्वारा अधिसूचित यह पॉलिसी नगरपालिका क्षेत्रों में पानी और सीवरेज कनेक्शन जारी करने के लिए भी लागू होगी। नई पॉलिसी के तहत, निवासियों को पानी और सीवरेज कनेक्शन जारी करने और नियमित करने के लिए दो विकल्प दिए गए हैं।

यह हैं दो विकल्प

पहला विकल्प : हरियाणा के लोगों को वर्तमान वाटर चार्ज, वाटर वेस्ट डिस्पोजल चार्ज के अतिरिक्त, क्रमशः 1,000 रुपए और 500 रुपए पानी और सीवर कनेक्शन चार्ज के रूप में एडवांस पेमेंट करने की सहमति देनी होगी। हालांकि, पानी-सीवर और पानी के मीटर के लिए सामग्री और लेवर चार्ज उपभोक्ताओं को खुद वहन करनी होगी।

दूसरा ऑप्शन : हरियाणा के लोगों को 15 सालों तक वाटर-सीवर कनेक्शन चार्ज के बदले 10 रुपए अतिरिक्त देने होंगे, साथ ही वाटर, वाटर वेस्ट डिस्पोजल चार्ज भी देना होगा। यदि विभाग द्वारा जल मीटर उपलब्ध कराया जाता है, तो उपभोक्ता को उसके बदले छह सालों तक 25 रुपए प्रति माह भी देने होंगे।

मीटर होने पर नहीं लिया जाएगा चार्ज

नोटिफिकेशन में कहा गया है, मीटर लगे होने की स्थिति में उपभोक्ता से कोई वाटर, वाटर वेस्ट चार्ज नहीं लिया जाएगा और वाटर-सीवरेज कनेक्शन और जल मीटर के लिए सामग्री और श्रम की लागत सेवा प्रदाता प्राधिकरण द्वारा वहन की जाएगी।

…नहीं लगेगा रोड कट शुल्क

इसी बीच सरकार ने पांच साल के लिए रोड कट शुल्क भी माफ करने का फैसला लिया है। यह शुल्क तब लगता है जब कनेक्शन के लिए सड़क खोदनी पड़ती है। लेकिन, इसमें एक शर्त है। अगर आप अपने पानी के कनेक्शन पर घरेलू मीटर नहीं लगवाते, तो आपको यह शुल्क देना होगा। सरकार यह कदम पानी बचाने और हर घर में मीटर लगाने को बढ़ावा देने के लिए उठा रही है। इससे कनेक्शन लेना आसान होगा और शहरी इलाकों में शामिल हुए गांवों को भी फायदा मिलेगा। हालांकि, अगर उपभोक्ता अपने पानी के कनेक्शन पर घरेलू पानी का मीटर नहीं लगवाता है, तो उसे रोड कट शुल्क वहन करना होगा।

सरकार का मुख्य मकसद पानी की बर्बादी रोकना है। वे चाहते हैं कि हर घर में पानी का मीटर लगे। इससे लोग पानी का सही इस्तेमाल करेंगे। यह नई नीति कनेक्शन लेने की प्रक्रिया को भी बहुत आसान बनाएगी। साथ ही, जो गांव अब शहरों का हिस्सा बन गए हैं, वहां के लोगों को भी पानी और सीवरेज जैसी जरूरी सुविधाएं मिलेंगी।

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