Ultra Super Critical Thermal Units in Haryana : हरियाणा के बिजली उत्पादन में होगी अभूतपूर्व बढ़ोतरी, सरकार उठाने जा रही ये कदम !

अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट

Ultra Super Critical Thermal Units to be set up in Haryana

Ultra Super Critical Thermal Units in Haryana : Haryana में Power की बढती मांग को देखते हुए ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श हेतु एक High-Level Meeting केंद्रीय ऊर्जा मंत्री Manohar Lal की अध्यक्षता में New Delhi के Shram Shakti Bhawan में आयोजित की गई। बैठक में Haryana Energy Minister अनिल विज सहित केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ-साथ हरियाणा ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहे।

इस मौके पर हरियाणा के ऊर्जा मंत्री Anil Vij ने कहा कि ‘‘ऊर्जा किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा है, और मजबूत ऊर्जा ढाँचा ही आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला भी है और इसी कडी में राज्य के Panipat में 800 मेगावाट व Hisar में 800 मेगावाट की नई Ultra Super Critical Thermal Units स्थापित की जाएंगी और इन परियोजनाओं के स्थापित होने से राज्य की बिजली उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और बढ़ती हुई ऊर्जा मांग को पूरा किया जा सकेगा।

बैठक के दौरान विज ने बताया कि राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला हरियाणा राज्य अपने ऊर्जा क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए Government of India से पूर्ण सहायता और समर्थन की उम्मीद रखता है। इस पर, Union Energy Minister मनोहर लाल ने आश्वासन देते हुए कहा कि भारत सरकार की विभिन्न नीतियों और योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध सभी आवश्यक सहायता और समर्थन हरियाणा को पूरी तरह से प्रदान किए जाएंगे।

anil vij with manohar lal

विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने एचपीजीसीएल (हरियाणा पावर जनरेशन कारपोरेशन लि.) द्वारा विस्तार परियोजनाओं के रूप में हिसार में 800 मेगावाट और पानीपत में 800 मेगावाट Ultra Super Critical Thermal Units की स्थापना के बारे में अवगत कराया, जो हरियाणा में बिजली की उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा और राज्य की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने में सहयोग करेगा। इन परियोजनाओं को सिरे चढाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने HPGCL को कोयला लिंकेज/आवश्यकता की मांग करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए ताकि केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय इस पर अनुमोदन देने पर विचार कर सकें। इसके अलावा, निगम द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों के बावजूद, बाजार में आवश्यक गुणवत्ता वाले बायोमास पैलेट की सीमित उपलब्धता के कारण HPGCL को आ रही कठिनाइयों के संबंध में केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया गया और विभिन्न बायोमास उपयोग के संबंध में आ रही दिक्कतों के बारे में जानकारी दी गई जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों को उपयुक्त समाधान के निर्देश दिए।

लगेंगे उच्च क्षमता के कंडक्टर

बैठक में HVPNL (हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लि.) ने राज्य पारेषण (ट्रांसमिशन) नेटवर्क की विद्युत पारेषण क्षमता बढ़ाने और ग्रिड को बनाए रखने के लिए विश्वसनीय विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतू ACSR Conductors  के स्थान पर  HTLS Conductors  लगाने हेतु पीएसडीएफ निधि की मांग की, जिस पर केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पीएसडीएफ अनुदान का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए और जिस पर विधिवत विचार किया जाएगा। बैठक में पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई और DHBVNL (दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम) में ठेके देने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। UHBVNL (उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम) द्वारा भी राज्य के दो प्रमुख शहरों, Sonipat और Jhajjar के लिए स्काडा और उन्नयन परियोजनाओं को शामिल करने का अनुरोध केन्द्रीय मंत्री के सम्मुख किया गया।

Totex Model का होगा अध्ययन

स्मार्ट मीटर लगाने के लिए भी बैठक में समीक्षा की गई और इस पर दो मॉडल, यानी टोटेक्स और कैपैक्स पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। केन्द्रीय मंत्री और विद्युत मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पड़ोसी राज्यों (जैसे राजस्थान) के टोटेक्स मॉडल का गहनता से अध्ययन किया जाए और हरियाणा में स्मार्ट मीटर परियोजना के कार्यान्वयन में किसी भी और देरी से बचने के लिए इस संबंध में तत्काल निर्णय लिया जाए। बैठक में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री व हरियाणा के ऊर्जा मंत्री ने इस बात पर भी ज़ोर देते हुए कहा कि राज्य द्वारा कार्यान्वयन का जो भी तरीका चुना जाए, लेकिन उपभोक्ताओं के डेटा की सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

बैट्री एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की क्षमता 1500 मेगावाट करने का अनुरोध

इसके अलावा, हरियाणा के ऊर्जा मंत्री ने बिजली की अधिकतम मांग में निरंतर वृद्धि को देखते हुए बीईएसएस (बैट्री एनर्जी स्टोरेज सिस्टम) का आवंटन 500 मेगावाट से बढ़ाकर 1500 मेगावाट करने का अनुरोध भी केन्द्रीय मंत्री से किया, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने प्रस्तावित बीईएसएस स्थापना के स्थान और क्षमता को दर्शाते हुए प्रस्ताव विद्युत मंत्रालय को विचारार्थ प्रस्तुत करने को कहा।

नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना आने वाली पीढ़ियों के लिए अनिवार्य संकल्प

इसी प्रकार,  पीएमएसजीःएमबीवाई (पीएम सूर्य घर मुक्त बिजली योजना) की वर्तमान स्थिति/प्रगति पर भी बैठक में चर्चा की गई जिसमें केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा इस योजना के अंतर्गत रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा देने के लिए यूटिलिटी लेवल एग्रीगेटर (यूएलए) मॉडल अपनाने की सलाह दी गई। इस पर हरियाणा के ऊर्जा मंत्री ने कहा कि “नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना आज का विकल्प नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अनिवार्य संकल्प है।”

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bijli meeting

बैठक में हरियाणा ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल, एचपीजीसीएल के प्रबंध निदेशक डॉ. साकेत कुमार, एचवीपीएनएल के प्रबंध निदेशक जे. गणेशन, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अशोक मीणा और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अशोक गर्ग सहित केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय व हरियाणा ऊर्जा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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