ITR Filing: अगर आपने अभी तक अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। आयकर विभाग द्वारा निर्धारित ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 को समाप्त हो रही है। इस बार सरकार ने आखिरी समय में कोई एक्सटेंशन नहीं दिया है, जिससे करोड़ों करदाताओं पर समय पर रिटर्न दाखिल करने का दबाव बना हुआ है।
यदि आप इस डेडलाइन को चूक जाते हैं, तो आपको सिर्फ जुर्माना नहीं देना होगा, बल्कि रिफंड में नुकसान, ब्याज की कटौती और टैक्स लॉस को आगे ले जाने की अनुमति न मिलने जैसे कई आर्थिक नुकसानों का सामना करना पड़ सकता है।
डेडलाइन चूकने पर क्या होंगे नुकसान?
1. जुर्माना – धारा 234F के तहत पेनल्टी
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5 लाख से कम आय: 1,000 का जुर्माना (31 दिसंबर 2025 से पहले दाखिल करने पर)
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5 लाख से अधिक आय: 5,000 तक का जुर्माना
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ध्यान दें: अगर आपकी कुल आय टैक्सेबल नहीं है (छूट सीमा से कम), तो विलंब शुल्क नहीं लगेगा। लेकिन कुछ मामलों (जैसे विदेशी संपत्ति) में फिर भी रिटर्न फाइल करना अनिवार्य हो सकता है।
2. अदा न किए गए टैक्स पर ब्याज
यदि आपने अग्रिम कर या TDS के बाद भी कुछ टैक्स नहीं भरा है, और अब रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, तो आपको धारा 234A, 234B, और 234C के तहत ब्याज देना होगा।
3. रिफंड ब्याज का नुकसान
समय पर ITR फाइल करने से आपको धारा 244A के तहत रिफंड पर ब्याज मिलता है। लेकिन लेट फाइलिंग करने पर यह ब्याज केवल फाइलिंग की तारीख से ही गिना जाता है।
उदाहरण: 50,000 के रिफंड पर अप्रैल से दिसंबर तक आपको 2,250 का ब्याज मिल सकता था। लेकिन यदि आपने अक्टूबर में रिटर्न फाइल किया, तो आपको सिर्फ 500 का ब्याज मिलेगा — यानी 1,750 का सीधा नुकसान।
4. लॉस कैरी फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे
समय पर ITR फाइल नहीं करने पर आप अपने बिजनेस लॉस, कैपिटल लॉस आदि को अगले वर्षों में एडजस्ट नहीं कर पाएंगे। यह एक बड़ा टैक्स लाभ है जो छिन सकता है।
अब क्या करें अगर आपने अभी तक ITR फाइल नहीं किया?
कर विशेषज्ञ शेफाली मुंद्रा के अनुसार:
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जल्द से जल्द विलंबित रिटर्न (Belated Return) फाइल करें। इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है।
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जितनी देर आप करेंगे, रिफंड का ब्याज उतना ही घटता जाएगा और पेनल्टी बढ़ती जाएगी।
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रिटर्न फाइल करते ही ई-वेरिफिकेशन ज़रूर करें। ई-वेरिफाई न करने पर आपका रिटर्न अमान्य हो सकता है।
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सभी डॉक्युमेंट्स और कटौती संबंधी प्रमाण संभालकर रखें। इससे भविष्य में नोटिस, रिफंड रिजेक्शन आदि से बचा जा सकता है।

Author: Political Play India



