Cloud burst in Himachal : बीते दिनों देवभूमि हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान से अभी लोग उभर भी नहीं पाए थे। इसी बीच मौसम विभाग ने एक बार फिर से हिमाचल में मानसून वापसी का अलर्ट जारी कर दिया। केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई राहत राशि के बाद हिमाचल के लोगों को अपना जीवन फिर से पटरी पर वापस लौटने की उम्मीद बनी थी। इसी बीच शुक्रवार की देर रात हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर के नम्होल में बादल फटने की घटना से लोग फिर से सहम गए। बादल फटने की इस घटना में 10 से ज्यादा गाड़ियां मलबे में दब गईं। कईं सड़कें भी बह गई और कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं, मंडी जिले के धर्मपुरमें सपड़ी रोह गांव में शनिवार सुबह 4 बजे लैंडस्लाइड हुई, जिससे कई घर मलबे से घिर गए हैं। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने इलाके के कईं घर खाली कराए हैं।
386 पहुंचा मरने वालों का आंकड़ा
हिमाचल प्रदेश में बारिश और बाढ़ से मरने वालों का आंकड़ा 386 तक पहुंच गया है। राज्य में इस सीजन में सामान्य से 43% ज्यादा बारिश हो चुकी है। एक जून से 12 सितंबर के बीच 678.4mm बारिश होती है, इस बार 967.2mm बारिश हो चुकी है।
होगी मानसून की वापसी
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी 15 सितंबर के आसपास पश्चिमी राजस्थान से शुरू हो सकती है। आमतौर पर मानसून 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह लौट जाता है।
इस साल मानसून ने 24 मई को केरल में दस्तक दी थी, जो 2009 के बाद सबसे जल्दी 8 दिन पहले थी। इसके बाद यह पूरे देश में 9 दिन पहले यानी 29 जून तक फैल गया, अमूमन यह 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है।
सामान्य से 133% ज्यादा बारिश
हिमाचल प्रदेश में एक से 12 सितंबर तक सामान्य से 133% ज्यादा बारिश हो चुकी है। इस अवधि में 64.6mm नॉर्मल बारिश की तुलना में 150.4mm बारिश हो चुकी है। कुल्लू जिला में सामान्य से 363mm ज्यादा, सोलन में 256, ऊना में 241mm और शिमला में नॉर्मल से 231mm अधिक बारिश हो चुकी है।
बारिश से नालटू पुल क्षतिग्रस्त
हिमाचल में जाहू-सरकाघाट सड़क पर नालटू पुल बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके बाद सड़क के दोनों और वाहनों की लंबी लंबी कतारे लगी गई है।
भरमौर-पठानकोट हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन
राज्य में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक भूस्खलन से तीन नेशनल हाईवे सहित 577 सड़कें बंद रहीं। 389 बिजली ट्रांसफार्मर व 333 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित हैं। कुल्लू जिले में 174, मंडी 166, शिमला 48, कांगड़ा 45, चंबा 44 व सिरमौर में 28 सड़कें बंद हैं। उधर,भरमौर-पठानकोट हाईवे पर तुन्नूहट्टी, लाहड़, मैहला के समीप बीती रात भारी बारिश के साथ होने वाले भूस्खलन हुआ है। इससे हाईवे पर छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। रफ्तार थमने से वाहन चालकों और यात्रियों को वाहनों में बैठकर हाईवे बहाल होने का इंतजार करना पड़। एनएच मंडल के अधिशासी अभियंता मीत शर्मा ने बताया कि भारी बारिश के कारण हाईवे पर पेड़ गिरने, मलबा आने से वाहनों की रफ्तार थम गई।
बिजली ट्रांसफार्मर लाइनों सहित ध्वस्त
चंबा की लाहडू पंचायत के नड्डल गांव में उठाऊ पेयजल योजना के लिए स्थापित बिजली ट्रांसफार्मर, पोल और लाइनों समेत ही भूस्खलन से ध्वस्त हो गया। बीती रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद शनिवार सुबह के समय भूस्खलन के कारण इस प्रकार का मामला प्रकाश में आया। ऐसे में आगामी दिनों में पंचायत के कई गांवों में ग्रामीणों को पानी के लिए परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। क्षेत्र में भारी बारिश के बाद अब भूस्खलन का खतरा बढ़ा है। इसी के चलते शनिवार सुबह नड्डल गांव में भारी भूस्खलन की जद में आने से ट्रांसफार्मर, बिजली लाइन, पोल धड़ाम हो गए हैं।
प्रशासन ने जारी की सतर्कता की अपील
प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे मौसम विभाग के येलो अलर्ट को गंभीरता से लें, अनावश्यक यात्रा से बचें और आपातकालीन स्थिति में संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें। राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी हैं और प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाई जा रही है।
सीएम सुखविंदर सिंह सूक्खू ने जताया शोक
फिलहाल, इस घटना के बाद हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सूक्खू ने शोक जताते हुए अपने ट्विट में लिखा- नम्होल (बिलासपुर) में बादल फटने और मंडी ज़िला के धर्मपुर क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएँ अत्यंत पीड़ादायक हैं। इन दोनों घटनाओं से कई परिवारों को भारी नुक़सान उठाना पड़ा है और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। संकट की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं हर प्रभावित परिवार के साथ हैं।

Author: Political Play India



