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Delhi पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन, तो फिर तिहाड़ Delhi सरकार के क्यों?

Delhi पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन, तो फिर तिहाड़ Delhi सरकार के क्यों?

Delhi की तिहाड़ जेल एक बार फिर चर्चा में है. ऐसा इसलिए क्योंकि Delhi के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यहां भेजा गया है. Kejriwal को तिहाड़ जेल नंबर 2 में रखा गया है. वह 15 अप्रैल तक यहीं रहेंगे. Delhi की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने Kejriwal को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

28 मार्च को कोर्ट ने उनकी रिमांड बढ़ा दी थी. Kejriwal की रिमांड 1 अप्रैल को खत्म हो रही थी. इस मामले की सुनवाई सोमवार को कोर्ट में हुई. इसके बाद फैसला आया कि Delhi के CM Kejriwal को सलाखों के पीछे जाना होगा. कोर्ट में ED ने Kejriwal की न्यायिक हिरासत की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया और उन्हें 15 दिन के लिए जेल भेज दिया.

कभी पंजाब सरकार का नियंत्रण था

आपको बता दें कि Kejriwal के कई सहयोगी शराब घोटाले से जुड़े मामले में तिहाड़ में हैं. इनमें तीन प्रमुख नाम हैं-सत्येंद्र जैन, मनीष सिसौदिया और संजय सिंह. ऐसे में एक अहम सवाल मन में आता है कि अगर Delhi पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है तो तिहाड़ Delhi सरकार के अधीन क्यों है? तो सबसे पहले ये जान लीजिए कि 1966 तक Delhi की जेलों का प्रशासनिक नियंत्रण पंजाब सरकार के पास था. लेकिन 1966 में इसे Delhi सरकार को हस्तांतरित कर दिया गया।

Delhi जेल मैनुअल के तहत काम करें

फिलहाल Delhi की जेलों का संचालन नई Delhi जेल मैनुअल (2018) के मुताबिक किया जा रहा है. यह नियमावली जनवरी 2019 में लागू की गई थी। तिहाड़ जेल Delhi सरकार के अधीन है लेकिन इस जेल का DG Delhi पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त एक अधिकारी होता है, जो भारत सरकार को हर बात रिपोर्ट करता है। एक और बात जो जानना महत्वपूर्ण है वह यह है कि Delhi पुलिस हिरासत के मामलों की प्रभारी है, जबकि गश्त, सुरक्षा, तलाशी आदि ITBP, CRPF और तमिलनाडु स्पेशल फोर्स द्वारा की जाती है।

तिहाड़ कई बार निशाने पर रहा है

Delhi का तिहाड़ कई बार विभिन्न कारणों से निशाने पर रहा है. सुरक्षा का मसला हो या VVI लोगों के साथ बर्ताव का सवाल… तिहाड़ जेल के बारे में कहा जाता है कि यहां बिना इजाजत के परिंदा भी पर नहीं मार सकता. लेकिन पिछले कुछ सालों में तिहाड़ के अंदर कई ऐसी घटनाएं हुईं जिससे इस जेल पर सवालिया निशान खड़े हो गए. जेल के अंदर गैंगवार हो गई. गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और प्रिंस तेवतिया की हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद तिहाड़ सुरक्षा को लेकर सुर्खियों में था.

VVI ट्रीटमेंट को लेकर भी सवाल उठे

यह एक सुरक्षा मुद्दा बन गया है. अब VVI लोगों की सुविधाओं की बात करें तो इस जेल पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। यह घटना एक साल पहले की है. जब तिहाड़ में बंद Delhi के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को रिसॉर्ट जैसी सुविधाएं मिलने की खबर आई थी. जेल के अंदर जैन का TV देखने, पैकेज्ड खाना खाने और मसाज कराने का एक वीडियो सामने आया था। इस घटना के बाद भी तिहाड़ जेल की बदनामी हुई. वैसे इस जेल में बंद कैदियों को नाश्ता समेत दिन में तीन बार भोजन दिया जाता है.

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Author: politicalplay

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