Lok Sabha Elections: चुनाव प्रचार के दौरान अगर उम्मीदवार और नेता एक-दूसरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देते हैं तो चुनाव आयोग उस पर स्वत: संज्ञान लेगा. अगर कोई उम्मीदवार सोशल मीडिया पर किसी धर्म या जाति विशेष पर टिप्पणी करता है या किसी की निजी जिंदगी के बारे में आरोप लगाता है तो चुनाव आयोग इसे गंभीरता से लेगा और उचित कार्रवाई करेगा. इसके लिए नेताओं के बयानों की रोजाना समीक्षा की जाएगी.
मिडिया की टीम से खास बातचीत में मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बताया कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक बयानों पर नजर रखने के लिए आयोग ने एक विशेष टीम का गठन किया है, जो दिनभर Haryana में रहकर सोशल पर अपलोड होने वाले वायरल वीडियो, फोटो पर नजर रखेगी. मीडिया और बयानों पर रहती है नजर. उन्होंने बताया कि हाल ही में YouTube पर EVM को लेकर एक फर्जी वीडियो वायरल हुआ था. जांच में पता चला कि यह वीडियो 2019 का है. आयोग ने उस वीडियो को हटवाने के साथ ही वीडियो अपलोड करने वाले शख्स के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई. माध्यम से लोगों से अपील की कि किसी भी वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले उसकी जांच कर लेनी चाहिए।
हर मतदान केंद्र पर निगरानी रहेगी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि राज्य में 19 हजार 812 मतदान केंद्र हैं. चुनाव के दिन इन सभी मतदान केंद्रों पर निगरानी रखी जायेगी. इसके लिए CCTV और वेब कैमरे लगाए गए हैं. प्रत्येक मतदान केंद्र का लाइव प्रसारण जिला निर्वाचन अधिकारी एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में होगा। इससे हर मतदान केंद्र पर आयोग की नजर रहेगी.
कृपया आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करें
Anurag Aggarwal ने अपील की कि आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत जरूर करें। इसके लिए आयोग ने सी विजिल ऐप बनाया है, जिसमें शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाता है. उन्होंने बताया कि 16 मार्च से अब तक ऐप पर 454 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 390 शिकायतें सही पाई गईं। लोग ऐप के अलावा ई-मेल और लेटर के जरिए भी शिकायत देते हैं। आयोग इन शिकायतों का समयबद्ध तरीके से निपटारा करता है।
पेड न्यूज पर निगरानी के लिए समिति गठित
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी Hema Sharma ने कहा कि पेड न्यूज पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इसके लिए राज्य एवं जिला स्तर पर मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन खबरों को पढ़ने के बाद ऐसा लगता है कि वे किसी के पक्ष में लिखी गई हैं या जिन्हें पढ़ने के बाद मतदाताओं का झुकाव उस उम्मीदवार की ओर हो सकता है, ऐसी सभी खबरें पेड न्यूज के दायरे में आती हैं। ऐसे में पत्रकारों को बहुत सोच-समझकर और सावधानी से खबरें लिखनी चाहिए।