Bhupinder Singh Hooda के शासनकाल में, मनेसर, नखदौला और नौरंगपुर के तीन गाँवों के 200 से अधिक किसानों के 400 एकड़ ज़मीन की अधिग्रहण के लिए एक नोटिस जारी किया गया था, जो HUDA की मास्टर प्लान के अंतर्गत आते हैं। निर्माताओं ने किसानों को अपनी ज़मीन को कम मूल्य पर खोने के डर से धमकाकर उनकी ज़मीन को 100 करोड़ रुपये में खरीद लिया था, जबकि ज़मीन का मूल्य 1600 करोड़ रुपये था।
ED दिल्ली में पूर्व Haryana CM Bhupendra Singh Hooda को जांच रही है। मनेसर ज़मीन सौदे के मामले में ED के दफ्तर में Bhupendra Singh Hooda को जांचा जा रहा है। दो हफ्ते पहले भी ED ने Hooda को पूछताछ के लिए बुलाया था।
कुछ दिन पहले ही, एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट ने पूर्व मुख्यमंत्री Bhupinder Singh Hooda को 2004-07 के बीच हुए 1500 करोड़ रुपये के Gurugram भूमि घोटाले की मनी लॉन्ड्री की जाँच के संबंध में छः घंटे तक पूछताछ की थी।
ED ने उसे एक हफ्ते पहले जांच में शामिल होने के लिए नोटिस दिया था। ED ने दिल्ली के अपने हेडक्वार्टर्स पर उसके 76 वर्षीय हुड्डा के बयान को PMLA अधिनियम के तहत दर्ज किया।
CBI भी जाँच कर रही है
पूर्व मनेसर सरपंच Om Prakash Yadav की शिकायत पर, मनेसर पुलिस थाना ने Bhupendra Singh Hooda और अन्यों के खिलाफ जालसाजी के विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। राज्य सरकार ने मामले की जाँच के लिए CBI की सिफारिश की थी। आठ साल पहले, सितंबर महीने में, CBI ने मामला दर्ज किया और तीन गाँवों के 200 से अधिक किसानों के बयानों को दर्ज किया। इसमें निर्माताओं द्वारा किसानों पर किए गए धोखाधड़ी के सबूत मिले। CBI भी इस मामले की जाँच कर रही है।