जिले के पटवारी और कनूंगो ने बुधवार को वेतन असमानता के हटाए जाने की मांग करते हुए तीन-दिवसीय प्रतीकात्मक हड़ताल शुरू कर दी थी। पटवारी और कनूंगो की हड़ताल गुरुवार को दूसरे दिन जारी रही। इस अवधि के दौरान, भूमि की प्रतीक्षा और प्रतिलिपि कार्य दो दिनों से प्रभावित है। बता दें कि जिले में 80 पटवारी और 15 कनूंगो हड़ताल पर हैं। इसके कारण लोगों को काफी समस्याएँ हो रही हैं। अब तक जिले में दाखिले के काम पर बहुत असर नहीं हुआ है, लेकिन दस्तावेज़, राजस्व और अन्य प्रकार के काम के लिए पटवार भवन में आने वाले लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
पटवारी बताते हैं कि प्रदर्शन उनकी मांगों को पूरा होने तक जारी रहेगा। प्रधान दिलबाग सिंह ढुल ने कहा कि राज्य सरकार ने पटवारियों के लिए एक वर्ष पहले 32,100 रुपये के वेतन वर्ग के कार्यान्वित करने की घोषणा की थी। लेकिन वेतन वर्ग 2023 के जनवरी से किया गया है, जो अनुपयुक्त और गलत है। पूर्व प्रमुख राजा राम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य संघ के साथ बातचीत करते समय यह आश्वासन दिया था कि वेतन वर्ग को 1 जनवरी 2016 से कार्यान्वित किया जाएगा।
महासचिव सुखविंदर सिंह ने कहा कि सरकार को पटवारी की औपचारिक मांग को तत्काल पूरा करना चाहिए। पटवारी सुरेंद्र ने कहा कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। इस मौके पर गुरचरण भाटिया, सुखबीर राणा, कनूंगो दलबीर सिंह, संजय, सुभाष राणा, कृष्णा कुमार, पटवारी राजेश एडवोकेट, पूर्व प्रमुख देवी दयाल, रामनिवास, फग्गु राम, सुमित, वीरेंद्र सिंह, मंदीप सिंह, बलींद्र सिंह, पवन कुमार मौजूद थे।.
कर्मचारियों की मांगों के बावजूद, विभिन्न समस्याएँ हो रही हैं
कुछ महीने पहले की बातचीतों में, अधिकारी बढ़ाई जाने की सहमति हो गई थी, लेकिन यह कदम अब तक क्रियाशील नहीं किया गया है। इसके बारे में, उन्होंने अपनी मांगों के संबंध में उपमुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री से कई बार मुलाकात की है। उन्होंने बताया कि नाइब तहसीलदार के विभाग की परीक्षा का आयोजन करने का प्रावधान है, लेकिन इसे तीन वर्षों बाद भी एक बार भी नहीं किया गया है।
कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं बिना पदोत्तर प्रमोशन के। परीक्षा जल्दी होनी चाहिए। पटवारियों की प्रशिक्षण अवधि को सेवा काल में जोड़ा जाना चाहिए। पटवारियों को विभागीय कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वे अपना काम स्वयं कर सकें। पटवारियों को लैपटॉप प्रदान किए जाने चाहिए। रिक्त पदों को जल्दी भरा जाना चाहिए।
सर्दी में ठंडक
निराशा महसूस भरत नगर के निवासी नीरज ने कहा कि उन्होंने सर्दी में कड़काई से तहसील पहुंचा। ऑनलाइन रजिस्ट्री अपलोड हुई है या नहीं, यह जानना था। यहां आने के बाद हमें पता चला कि यहां हड़ताल है। अब मुझे काम किसी अन्य दिन करना होगा।
जब वह वापस लौटने लगे, तो पटवारी ने उन्हें वापस बुलाया
तहसील कैम्प के निवासी बुढ़िया प्रेमा देवी ने भी अपने साथीजनों के साथ तहसील पहुंचा। उन्हें पेंशन संबंधित दस्तावेजों की सत्यापन करवाना था। तहसील में पटवारियों की हड़ताल देखकर उन्होंने निराशा महसूस की। तब पटवारी ने उन्हें बुलाया और काम पूरा किया।
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Author: politicalplay
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