Editor@political play India

Search
Close this search box.

Haryana में प्रॉपर्टी ID survey करने वाली कंपनी पर बड़ा एक्शन, सरकार ने किया ब्लेकलिस्ट

Haryana में प्रॉपर्टी ID survey करने वाली कंपनी पर बड़ा एक्शन, सरकार ने किया ब्लेकलिस्ट

Manohar सरकार ने Haryana में संपत्ति ID survey करने वाली कंपनी के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एक शिकायत प्राप्त करने के बाद, सरकार ने इस कंपनी को काला ताला लगा दिया है और कंपनी की एक बड़ी भुगतान भी रोक दिया है।

Lokayukta Justice Hari Pal Verma की शिकायत पर सूचना प्राप्त होते ही, Khattar सरकार ने Jaipur की Yashi कंपनी को काला ताला लगा दिया, जो सभी नगरपालिकाओं, नगर निगमों और शहरी परिषदों में संपत्ति ID surveys करती है, और कुल 8,06 भुगतानों की लागत जो वित्त वर्ष 36,069 रुपए है, वो भी रोक दी गई है।

सरकार ने कंपनी द्वारा कराए गए ठेके के समय जमा किए गए लाखों रुपए के प्रदर्शन बैंक गारंटी राशि का भी जब्त कर ली है और ठेका समझौते को भी रद्द कर दिया है।

RTI गतिविद्ध PP कपूर ने 19 जुलाई को Lokayukta महकमे में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें नगर शरीर मंत्री Kamal Gupta, नगर शरीर विभाग के तथा उस समय के निदेशक, कुल 88 शहरों में Khattar सरकार द्वारा किए गए संपत्ति ID survey को एक बड़ा घोटाला कहकर गंभीर आरोप थे। इन आरोपित अधिकारियों में 12 IAS भी शामिल हैं।

शिकायत में CBI द्वारा घोटाले की जांच करने, आपराधिक मामला दर्ज करने, सर्वे करने वाली Yashi कंपनी को काला ताला लगाने और साथ ही साथ 57.55 crore रुपए के भुगतान के साथ ब्याज के साथ पुनः प्राप्त करने की मांग थी। Kapoor की शिकायत का जानकारी प्राप्त करने के बाद, Lokayukta ने 8 August को नोटिस भेजा और सरकार से November 8 तक जांच रिपोर्ट को भेजने की आदेश दिया।

Lokayukta Justice Hari Pal Verma के पास दी गई शिकायत में RTI दस्तावेजों और शपथ पत्र के साथ, Panipat के RTI गतिविद्ध PP Kapoor ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के संरक्षण में राज्य में नगरीय स्थानीय निकाय विभाग के तहत हुए सभी 88 शहरों में किए गए संपत्ति ID survey में एक बड़ा घोटाला हो रहा था।

इस सर्वे में 95 प्रतिशत गलतियों के बावजूद, एक झूठे सत्यापन के आधार पर उपयोगकर्ता कंपनी Yashi कंपनी को 57.55 crore रुपए की भुगतान किया गया। कुल 42,75,579 संपत्तियों के मालिक लूट रहे हैं और उन्हें त्रुटियों को दुरुस्त करवाने के लिए दलालों द्वारा धकेला जा रहा है, लेकिन कोई भी जनता की बात नहीं सुन रहा है।

यह है कैसे घोटाला किया गया

तेंदर काम आर्डर की शर्त संख्या 37.6.7 के तहत, यशी कंपनी द्वारा किए गए संपत्ति ID survey की स्थल सत्यापन का काम सभी नगर निगमों के कमिशनरों, नगर परिषदों के ईओओ और सभी नगरपालिकाओं के सचिवों द्वारा किया जाना था।

इन अधिकारियों को केवल सर्वे कार्य की स्थल सत्यापन के बाद ही प्रमाण पत्र जारी करना था और तभी भुगतान किया जाना था। लेकिन सभी 88 शहरों के अधिकारी ने अपनी अपनी दरिक्षण रिपोर्ट में सर्वे काम को 100 प्रतिशत सही माना और प्रमाण पत्र जारी किया और 57.55 crore रुपए की भुगतान Yashi कंपनी को किया।

जबकि कंपनी का सर्वे भूमि स्तर पर पूरी तरह जालसाजी था, तो इससे जनता में हंगामा पैदा हुआ। सर्वे में किसी का नाम गलत था, किसी का क्षेत्र गलत था, किसी का कर गलत था, कहीं-कहीं आवासीय संपत्ति को वाणिज्यिक बना दिया गया था और कहीं-कहीं वाणिज्यिक संपत्ति को आवासीय बना दिया गया था। कहीं-कहीं किरायेदार को इमारत का मालिक बना दिया गया था।

politicalplay
Author: politicalplay

यह भी पढ़ें

टॉप स्टोरीज