अक्टूबर यानी कि गांधी जयंति के अवसर पर के दिन पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया हैं. फरीदाबाद नगर निगम द्वारा पिछले कई दिनों से लगातार स्वच्छ पखवाड़ा बनाते हुए जगह-जगह पर सफाईकर्मी काम पर लगे हुए हैं. इसी क्रम में आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल सेक्टर 9 “स्वस्थ ही सेवा” स्वच्छता अभियान की शुरुआत करने पहुंचे.
स्वच्छता अभियान के लिए फरीदाबाद का चुनाव मुख्यमंत्री जी ने इसलिए भी किया होगा कि कहीं ना कहीं उन्हें यह भी लगता होगा कि पूरे प्रदेश में शायद फरीदाबाद सबसे प्रदूषित शहरों में पहले नंबर पर है. तो क्यों ना यहीं से ही ‘स्वास्थ्य ही सेवा’ स्वच्छता अभियान की शुरुआत की जाए.
नगर निगम द्वारा यहां पिछले कई दिनों से लगातार स्वच्छता पखवाड़ा चलाया जा रहा है. जिसके तहत पूरे जिले में लगातार सफाईकर्मियों के सड़कों पर सफाई किए जाने की खबरें भी लगातार आ रही है. वह बात अलग है कि जमीनी स्तर पर कहीं भी कूड़ा करकट हटता हुआ नहीं दिखाई दे रहा.
फरीदाबाद के बाईपास पर कूड़े का पहाड़ बन चुका है. एनआईटी क्षेत्र में भी लगातार गंदगी नजर आती है. वहीं बल्लभगढ़ के अलग-अलग सड़कों और खुले में बने हुए खते और कूड़े के ढेर साफ तौर पर नजर आते हैं. उन कूड़े के ढेर पर गाय मूंह मारती नजर आती है. आज मौके पर जिस तरीके से पर्दे के पीछे की कहानी नजर आई या कहे अधिकारियों की नियत दिखाई दी तो हीं यह सवाल खड़ा होना लाजमी है.
क्योंकि आज फरीदाबाद पूरे विश्व में टॉप 3 सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार है. क्योंकि शायद सफाई कागजों में हो रही है और पर्दे के पीछे से भ्रष्टाचार. यहां सबसे बड़ा सवाल यह भी है प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा आज “स्वास्थ्य ही सेवा” स्वच्छता अभियान की शुरुआत फरीदाबाद के पॉश सेक्टर माने जाने वाले सेक्टर 9 की हुड्डा मार्केट से ही क्यों की गई. बता दें कि यह वही मार्केट है जहां दिन में दो बार सफाई की जाती है और सेक्टर 9 को पॉश सेक्टर में शुमार किया जाता है.
क्या केवल फॉर्मेलिटी के लिए ही यहां पिछले तीन दिनों से लगभग 300 कर्मियों को सफाई के लिए लगाया गया था. अगर नगर निगम सही मायने में एक बड़ा संदेश और अच्छी नियत से एक बड़ा संदेश देना चाहता तो फरीदाबाद बाईपास जहां ईको ग्रीन नामक कंपनी की मेहरबानी से कूड़े का पहाड़ बन चुका है. लगातार जहां बदबू का माहौल है, आने जाने वाले वाहन चालकों को लगातार समस्या आ रही है तो वहां से इस अभियान की शुरुआत करवाया सकता था. जिससे शहर की जनता में भी एक अच्छा और सकारात्मक संदेश जाता कि शायद नगर निगम की नियत साफ है. शहर में सुधार करना चाहता है, लेकिन जिस तरीके से पूरे नगर निगम के लव लश्कर को केवल दिखावे और फॉर्मेलिटी के लिए यहां लगाया गया उससे तो जरूर विभाग पर सवाल खड़े होने लाजमी है.
नगर निगम कर्मचारियों के साथ जी मीडिया की बातचीत के बाद निकलकर आया कि तीन दिन से यहां लगातार सफाई जारी है. नगर निगम का पूरा लाव-लश्कर यहां लगा हुआ है, जिसके कारण पूरा बाजार साफ नजर आ रहा था. सड़के चमक रही थी क्योंकि 300 कर्मचारी दिन-रात सफाई कर रहे थे. केवल कुछ बाल्टी भर कूड़ा मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक की सफाई अभियान के फोटो सेशन करने के लिए छोड़ा गया था. ऐसे में आज मुख्यमंत्री द्वारा आज शुरू किया गया स्वास्थ्य ही सेवा- स्वच्छता अभियान की मुहिम कितना रंग ला पाएगी या मुख्यमंत्री की सोच को कितना लक्ष्य तक पहुंच पाएगी यह तो भविष्य का सवाल है.