Supreme Court’s big decision on Waqf law : सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने वक्फ कानून (Waqf law) से जुड़े मामले में अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने वक्फ कानून (Waqf law) से जुड़ी कुछ धाराओं पर रोक लगा दी है। अदालत ने वक्फ कानून की धारा 3 और धारा 4 पर रोक लगा दी है। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि हमारे पास पूरे कानून पर रोक लगाने का अधिकार नहीं है।
कोर्ट ने क्या-क्या कहा ?
सुप्रीम कोर्ट ((supreme court)) ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की उस प्रावधान पर रोक लगा दी है, जिसके तहत किसी व्यक्ति को वक्फ बनाने के लिए कम से कम 5 वर्षों तक इस्लाम का अनुयायी होना अनिवार्य था। अदालत ने कहा कि यह रोक तब तक लागू रहेगी जब तक राज्य सरकारें यह निर्धारित करने के लिए नियम नहीं बना लेतीं कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के संचालन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन संपत्ति को वक्फ के रूप में समर्पित करने के लिए 5 वर्ष तक इस्लाम का पालन करने की शर्त के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।
केवल दुर्लभ मामलों में ही रोक
सीजेआई (CJI) ने कहा कि हमने यह माना है कि किसी कानून की संवैधानिकता का अनुमान हमेशा उसके पक्ष में होता है। केवल अत्यंत दुर्लभ मामलों में ही उस पर रोक लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि हमने 1923 के अधिनियम से लेकर अब तक की विधायी पृष्ठभूमि का अध्ययन किया है। हमने प्रत्येक धारा को लेकर प्राथमिक स्तर पर चुनौती पर विचार किया, और पक्षों को सुनने के बाद यह पाया कि पूरे अधिनियम के प्रावधानों पर रोक लगाने का मामला सिद्ध नहीं हुआ है।
गैर मुस्लिम भी बन सकते हैं मुख्य कार्यकारी अधिकारी
याचिका में कहा गया था कि नए कानून के अनुसार गैर मुस्लिम भी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बन सकते हैं। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने निर्देश दिया कि जहां तक संभव हो, वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी एक मुस्लिम होना चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने इस प्रावधान पर रोक लगाने से मना कर दिया। ऐसे में अभी भी गैर मुस्लिम लोग वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बन सकते हैं। हालांकि, योग्य मुस्लिम दावेदार नहीं होने पर ही ऐसा होगा।
कोर्ट के फैसले के अहम बिंदु
गैर मुस्लिम भी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बन सकते हैं, लेकिन योग्य मुस्लिम दावेदार न होने पर ऐसा होगा।
कलेक्टर वक्फ भूमि विवाद का निपटारा नहीं कर सकते। यह अधिकार ट्रिब्यूनल के पास ही होगा।
वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्यों की संख्या सीमित कर दी गई है। बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की अधिकतम संख्या तीन हो सकती है।
धारा 23: एक्स-ऑफिसियो अधिकारी मुस्लिम समुदाय से ही होगा।
ऐसे बना था कानून
केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को पांच अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित किया था। लोकसभा ने इस विधेयक को तीन अप्रैल को 288 सदस्यों के समर्थन से पारित कर दिया, जबकि 232 सांसदों ने इसका विरोध किया था। राज्यसभा ने चार अप्रैल को इस विधेयक को पारित किया था। राज्यसभा में इसके पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 सदस्यों ने मतदान किया था।

Author: Political Play India



