चुनाव आयोग का बड़ा एक्शऩ, 334 पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द

नई दिल्ली : बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को लेकर एक बड़ा एक्शन लिया है। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने चुनावी व्यवस्था को साफ-सुथरा बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) को आधिकारिक सूची से हटा दिया है। यह कार्रवाई सभी तथ्यों और राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों की सिफारिशों के आधार पर की गई है।

यह प्रक्रिया राजनीतिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और उन दलों को सूची से हटाने के उद्देश्य से की गई है, जिन्होंने 2019 के बाद से कोई भी लोकसभा या राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं या उपचुनावों में भाग नहीं लिया है।

इस साल जून में चुनाव प्राधिकरण ने ऐसे 345 दलों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी। अंत में 334 को सूची से हटा दिया था। अधिकारियों ने बताया कि 2001 से चुनाव आयोग ने निष्क्रिय गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को तीन से चार बार हटाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने पहले चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने से रोक दिया था, यह देखते हुए कि ऐसा कानून में निर्धारित नहीं है। हालांकि, चुनाव आयोग ने दलों को सूची से हटज्ञने का एक नया तरीका खोज लिया है। चुनाव आयोग के एक पूर्व पदाधिकारी ने बताया कि असूचीबद्ध दलों को चुनाव प्राधिकरण बिना किसी नई मान्यता प्रक्रिया में शामिल हुए फिर से सूचीबद्ध कर सकता है।

सूची से हटाए गए दल चुनाव लड़ने के लिए अपने उम्मीदवार नहीं उतार सकते। कुल 2,854 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से आयोग के इस अभियान के बाद 2,520 ही बचे हैं। इनमें वर्तमान में छह राष्ट्रीय दल और 67 राज्य स्तरीय दल हैं। गौरतलब है कि इस वर्ष जून में आयोग ने ऐसे 345 दलों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की थी और अंतत: 334 को सूची से हटा दिया।

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