भूकंप के झटकों से फिर कांपे हरियाणा-दिल्ली, एक महीने में तीसरी बार कांपी धरती

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Earthquake in Haryana-Delhi :  हरियाणा समेत दिल्ली-NCR में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे यह झटके महसूस किए गए। इस बार भूकंप का केंद्र हरियाणा का फऱीदाबाद था। भूकंप के झटकों के कारण लोग डर के चलते सुबह-सुबह घरों से बाहर निकल आए। सुबह के समय आए इस भूकंप की तीव्रता 3.2 आंकी गई है। फिलहाल किसी जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है।

डर के साथ सुबह की शुरूआत

सुबह के समय जब लोग अपने दिन की शुरुआत कर रहे थे, अचानक आए झटकों ने कई परिवारों को सतर्क कर दिया। फरीदाबाद के कई इलाकों में लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे। हालांकि भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

महीने भर में तीसरी बार झटके

देश की राजधानी दिल्ली में जुलाई महीने में ये तीसरी बार है जब भूकंप के झटके लोगों को महसूस हुए हैं। हालांकि तीनों बार ही भूकंप की तीव्रता सामान्य रही जिससे किसी भी तरह की कोई हानि नहीं हुई है। हालांकि आए दिन आने वाले इन भूकंप के झटकों ने लोगों को खासा परेशान कर दिया है। भूकंप महसूस होते ही लोग डर के मारे घरों से बाहर सड़क पर आ जाते हैं।

रोहतक में आया था भूकंप

रोहतक जिले में 16 जुलाई की रात 12:46 बजे 3.3 तीव्रता का भूकंप आया। धरती के नीचे इसकी गहराई 10 किलोमीटर रही। भूकंप आने के बाद राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी थी।

झज्जर जिले में भी आया था भूकंप

इससे पहले 11 जुलाई को झज्जर जिले में 3.7 तीव्रता का भूकपं आया था। शाम 7 बजकर 49 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस हुआ था। इसकी तीव्रता 3.7 रही। भूकंप का केंद्र छारा गांव रहा। इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। इसका अक्षांश 28.68 और देशांतर 76.72 रहा था। भूकंप के झटके झज्जर के अलावा बेरी, बहादुरगढ़, रोहतक, जींद तक महसूस किए गए थे।

वहीं, झज्जर में 10 जुलाई को भी सुबह दो मिनट के अंतराल में दो भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। पहला झटका 9 बजकर 4 मिनट पर भूकंप का झटका महसूस किया गया था, जबकि दूसरा 9 बजकर 6 मिनट पर महसूस किया गया था। लगातार दूसरे दिन 11 जुलाई को भी भूकंप का झटका महसूस किया गया था।

इसलिए आता है भूकंप

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब ?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

बार-बार क्यों आ रहे भूकंप ?

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ तक एक फॉल्ट लाइन ज़मीन के नीचे फैली हुई है। जब टेक्टोनिक प्लेट्स इस फॉल्ट लाइन पर हिलती या टकराती हैं, तो कंपन उत्पन्न होता है जिससे भूकंप के झटके महसूस होते हैं।

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