मिशन मोड ऑपरेशन : खनन माफिया पर कड़ा प्रहार, सैकड़ों FIR दर्जकर वसूला करोड़ों का जुर्माना

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के स्पष्ट दिशा-निर्देशों और ‘अवैध खनन के प्रति जीरो टॉलरेंस‘ नीति के अंतर्गत हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो (एचएसईएनबी) ने वर्ष 2025 में अब तक अवैध खनन के विरुद्ध एक सशक्त, व्यापक और परिणामोन्मुख अभियान चलाया है।

Nayab_saini
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मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व और सख्त निर्देशों के तहत ब्यूरो ने पूरे प्रदेश में सक्रियता से कार्य करते हुए अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में उल्लेखनीय सफलता अर्जित की है।

प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा ही कर्तव्य

shatrujeet-kapoor
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हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि अवैध खनन राज्य की प्राकृतिक विरासत, पारिस्थितिकी तंत्र और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग और प्रवर्तन ब्यूरो समन्वित रूप से कार्य कर रहे हैं और हर जिले में समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। डीजीपी कपूर ने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि अवैध खनन से जुड़े मामलों में कोई कोताही न बरती जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

2024 की तुलना में 2025 में उल्लेखनीय बढ़ोतरी

अमिताभ सिंह ढिल्लों
अमिताभ सिंह ढिल्लों

हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो के प्रमुख अमिताभ सिंह ढिल्लों ने बताया कि 1 जनवरी से 10 जुलाई तक की अवधि में वर्ष 2025 के दौरान की गई कार्रवाई में, वर्ष 2024 की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में कुल 3039 खनन स्थलों की जांच की गई थी, वहीं 2025 में अब तक यह संख्या 3733 तक पहुंच चुकी है। इसी प्रकार, 2024 में 684 एफआईआर दर्ज की गई थीं जबकि 2025 में यह संख्या बढ़कर 860 हो गई है। एफआईआर निपटान में भी सुधार देखा गया है। 2024 में 329 मामलों का निपटान हुआ था, जबकि 2025 में यह आंकड़ा 445 तक पहुंच गया।

गिरफ्तारी और वाहन जब्ती में भी हुई वृद्धि

illegalmining
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खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वर्ष 2024 में 626 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था, वहीं 2025 में यह आंकड़ा 754 तक पहुंच गया है। इसी प्रकार, खनन कार्यों में प्रयुक्त 945 वाहनों को 2024 में जब्त किया गया था, जबकि 2025 में अब तक 1186 वाहन जब्त किए जा चुके हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रवर्तन तंत्र ने खनन से जुड़ी रसद प्रणाली पर भी निर्णायक प्रहार किया है।

आर्थिक प्रहार की निर्णायक पहल

वर्ष 2025 में अब तक अवैध खनन से संबंधित मामलों में 10.69 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, जो कि वर्ष 2024 में लगाए गए 6.78 करोड़ की राशि के जुर्माने की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है। यह कार्रवाई न केवल खनन माफियाओं पर कड़ा आर्थिक दबाव बनाने में सफल रही है, बल्कि राज्य सरकार के लिए राजस्व संवर्धन की दृष्टि से भी एक उल्लेखनीय उपलब्धि सिद्ध हुई है।

तकनीक आधारित निगरानी और त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था

अवैध खनन की रोकथाम हेतु प्रवर्तन ब्यूरो ने तकनीक आधारित निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया है। जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्वे और विशेष रेड टीमों के गठन जैसे कदमों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि न केवल अवैध खनन के प्रयास रोके जाएं, बल्कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर न्याय के कठघरे में लाया जाए।

सरकार की प्रतिबद्धता और जनहित में सख्ती

हरियाणा सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कानूनी और पर्यावरणीय मर्यादाओं के भीतर हो। अवैध खनन से न केवल पर्यावरण को क्षति होती है बल्कि सामाजिक तंत्र भी प्रभावित होता है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रवर्तन एजेंसियां पूरी सख्ती और पारदर्शिता के साथ कार्रवाई कर रही हैं।

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