IPS Puran Kumar Suicide Case में नया मोड़, FIR से असंतुष्ट IAS पत्नी ने दी लिखित शिकायत

ADGP SUICIDE CASE

IPS Puran Kumar suicide case : हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में अब जांच की दिशा एक बार फिर बदल सकती है। मृतक अधिकारी के परिवार ने पुलिस की ओर से दर्ज की गई FIR की धाराओं और उसमें शामिल नामों को लेकर गहरी असंतुष्टि जताई है। इस बीच, मृतक की पत्नी और हरियाणा सरकार में वरिष्ठ IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने नई शिकायत चंडीगढ़ पुलिस की SSP को दी है।

अमनीत पी. कुमार की ओर से दी गई नई शिकायत में FIR की खामियों की ओर इशारा करते हुए तुरंत संशोधन और पुनः जांच की मांग की गई है। IAS अधिकारी अमनीत कौर द्वारा SSP को भेजे गए इस पत्र में उन्होंने कहा है कि 9 अक्तूबर को रात 10 बजकर 22 मिनट पर दर्ज की गई FIR नंबर 156 अधूरी और अपूर्ण जानकारी वाली है।

उन्होंने आरोप लगाया है कि FIR में मुख्य आरोपियों डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया के नाम तक स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं किए गए हैं, जबकि यह नाम उनके पति द्वारा छोड़े गए ‘फाइनल नोट’ में साफतौर पर उल्लिखित हैं। पत्र में कहा गया है कि FIR की प्रति अधूरी है, उसमें आरोपियों के नाम स्पष्ट नहीं हैं और दस्तावेज में कई महत्वपूर्ण विवरणों की कमी है, इससे निष्पक्ष जांच पर सवाल उठता है।

गलत सेक्शन लगाने का आरोप

IAS अमनीत कौर ने अपने पत्र में लिखा है कि FIR में जो धाराएं लगाई गई हैं, वे कमजोर हैं और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की गलत सेक्शन का प्रयोग किया गया है। उन्होंने आग्रह किया कि इस मामले में धारा 3(2)(v) लगाई जाए, जो कि दलित अधिकारी के खिलाफ की गई किसी कार्रवाई या उत्पीड़न से जुड़ी गंभीर परिस्थितियों में लागू होती है। अमनीत कौर ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कानूनी प्रावधानों का सही तरीके से प्रयोग हो ताकि न्याय प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे।

फाइनल नोट की कॉपी अब तक नहीं दी गई

IAS अमनीत कौर ने यह भी लिखा है कि 7 अक्तूबर, 2025 को पूरन कुमार के पॉकेट और लैपटॉप बैग से दो ‘फाइनल नोट्स’ बरामद हुए थे, लेकिन उनकी प्रमाणित कॉपियां अब तक परिवार को उपलब्ध नहीं कराई गईं। उन्होंने मांग की है कि दोनों ‘फाइनल नोट्स’ की सत्यापित प्रतियां तत्काल दी जाएं ताकि FIR में जिन बातों का हवाला दिया गया है, उनकी जांच और तुलना की जा सके। परिवार का आरोप है कि FIR में जानबूझकर कुछ अहम बिंदुओं को छोड़ा गया है, ताकि मामले को कमजोर किया जा सके।

यह था मामला

7 अक्तूबर की दोपहर करीब एक बजे वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित अपने निवास पर आत्महत्या कर ली थी। मृतक अधिकारी हरियाणा पुलिस में ADGP रैंक पर तैनात थे। आत्महत्या के बाद से उनकी पत्नी, परिवार और सहयोगी अधिकारी लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं। FIR में ढीलापन और जांच की धीमी रफ्तार से परिवार बेहद निराश है।

पत्र में कही ये तीन प्रमुख बातें

-FIR में आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं किए गए, जबकि शिकायत और ‘फाइनल नोट’ में उनका सीधा उल्लेख है।

-एससी/एसटी एक्ट की गलत सेक्शन लगाई गई है, जिसे धारा 3(2)(v) से संशोधित करने की मांग की गई है।

-‘फाइनल नोट’ की प्रमाणित कॉपी परिवार को नहीं दी गई, जिससे FIR में दर्ज बिंदुओं की जांच अधूरी रह जाती है।

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