‘यमुना मिशन’ में तेजी लाएगा हरियाणा

YAMUNA RIVER

चंडीगढ़ : हरियाणा के पर्यावरण एवं वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छ यमुना बनाने के मिशन को धरातल पर लाने के लिए अधिकारी सभी आवश्यक तैयारी पूरी करें और जहां -जहां सीईटीपी या एसटीपी लगाने की जरूरत है, वहां निविदा प्रक्रिया पूरी कर काम आवंटित करें।

पर्यावरण मंत्री यहां यमुना नदी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए संभावित बिंदुओं पर स्थिति की समीक्षा के लिए बुलाई गई हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

RAO NARBIR SINGH

राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हरियाणा से दिल्ली की ओर यमुना नदी में जाने वाले स्वच्छ पानी की मात्रा 120 बीओडी बनी रहे। बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यमुना नदी के कुछ बिंदुओं को संवेदनशील प्रदूषण की श्रेणी में रखा है। राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशानुसार मुख्य सचिव मासिक बैठक की समीक्षा करते हैं और राष्ट्रीय स्तर पर इसकी समीक्षा त्रैमासिक स्तर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा की जाती है।

बैठक में जानकारी दी गई कि औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषित जल को यमुना नदी में डालने से रोकने के लिए आठ स्थानों -फरीदाबाद और गुरुग्राम में तीन—तीन, सोनीपत और यमुनानगर में एक—एक स्थान पर नए सीईटीपी लगाने का प्रस्ताव है, ताकि प्रदूषित जल को ट्रीट किया जा सके और इसका पुनः उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इन सीईटीपी की कुल क्षमता 146 एमएलडी होगी। इसके अलावा, 510 एमएलडी क्षमता के 9 एसटीपी का कार्य प्रगति पर है, जिनका दिसंबर, 2027 तक पूरा होना अपेक्षित है। अब तक यमुनानगर कैचमेंट में 143 एसटीपी और 18 सीईटीपी में ओएमडी डिवाइस लगाए गए हैं।

बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले 2 वर्षों में 8287 औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया गया और प्रदूषण नियंत्रण संबंधी नियमों के उल्लंघन करने पर 828 औद्योगिक इकाइयों पर 198.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।

यह भी पढ़ें

टॉप स्टोरीज

Marketing Hack 4u