Haryana News : हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बीपीएल कार्ड को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई। बाद में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने खुद मोर्चा संभाला और विपक्ष के सवालों का जवाब दिया। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि चुनाव से पहले गरीब परिवारों को लुभाने के लिए बीपीएल सूची में भारी भरकम नाम जोड़े गए और अब चुनाव के बाद उन्हीं लाखों परिवारों को सूची से बाहर कर दिया गया।
कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने सदन में सवाल पूछा कि एक जनवरी, 2024 से 31 जुलाई, 2025 तक कितने नए बीपीएल कार्ड बनाए गए और कितने रद्द किए गए। साथ ही उन्होंने यह भी जानना चाहा कि बीपीएल कार्ड रद्द करने का आधार क्या रखा गया ?
इस सवाल के जवाब में विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि यह प्रक्रिया एकतरफा नहीं है। इस अवधि में बड़ी संख्या में परिवार बीपीएल सूची से बाहर हुए हैं तो लगभग उतनी ही संख्या नए परिवारों की भी जोड़ी गई है। उन्होंने सदन में आंकड़े प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस अवधि में 8,73,507 परिवार जोड़े गए, जबकि 9,68,506 परिवार बाहर हुए। 31 मार्च, 2025 को बीपीएल परिवारों की कुल संख्या 52,37,671 थी, जो 22 अगस्त तक घटकर 41,93,669 रह गई।
इस पर विपक्ष ने तीखे स्वर में आरोप लगाया कि विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़ाकर राजनीतिक फायदा लिया और नतीजों के बाद इसे घटा दिया। विपक्ष का कहना था कि सरकार ने गुपचुप सर्वे कर गरीब परिवारों को योजनाओं से वंचित कर दिया।
इस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष की ओर से बीपीएल कार्डों को लेकर जनता के बीच भ्रम फैलाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई है। पोर्टल पर लोगों ने स्वयं अपनी आय घोषित की, और जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए से अधिक थी, वे स्वेच्छा से सूची से बाहर हो गए।
Author: Political Play India





