चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से नकल को रोकने के लिए कईं प्रकार के दावे और प्रबंध किए जाते हैं। ऐसे में कईं बार शिक्षा विभाग के कर्मचारी ही नकल कराने में संलिप्त पाए जाते हैं। इस पर विभाग की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। ऐसा ही एक मामला बीते दिनों कोसली के राजकीय महाविद्यालय में सामने आया था। यहां कॉलेज के उस समय के कार्यकारी प्राचार्य विवेक कुमार को नकल कराने में आरोपी मानते हुए विभाग की ओर से सस्पेंड कर दिया। आरोपी को सस्पेंड किए जाने के आदेश में उसका रिपोर्टिंग हेडक्वार्टर किसी अन्य कॉलेज में करने के स्थान पर कोसली के राजकीय महाविद्यालय में ही कर दिया गया।
विभाग के इस आदेश के खिलाफ इलाके के अनेक लोगों ने सरकार और विभाग से पत्राचार किया। इस पर भी जब बात नहीं बनी तो स्थानीय लोगों ने चंडीगढ़ में शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा से मुलाकात की। लोगों का आरोप है कि बीते जून महीने में सस्पेंड होने के बाद से ही आरोपी लगातार संबंधित कॉलेज में आता है। ऐसे में वह जांच के कार्य को प्रभावित कर सकता है। लोगों से मुलाकात के बाद शिक्षा मंत्री ने इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
यह था मामला
बीते दिनों इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में चल रहीं परीक्षाओं में अनियमितता पाए जाने पर कोसली राजकीय महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य विवेक कुमार को सस्पेंड किया गया था। इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय की तत्कालीन कार्यवाहक प्राचार्या की सिफारिश पर उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने यह कार्रवाई की थी। मामले में तत्कालीन कार्यवाहक कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कॉलेजों में परीक्षा व्यवस्था की जांच के लिए फ्लाइंग स्क्वाड के अतिरिक्त तीन अलग-अलग कमेटी का गठन किया था। इसमें कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक के साथ अन्य फ्लाइंग टीम के सदस्य शामिल थे, जिसकी रिपोर्ट कुलपति को भेजी गई थी। इसकी रिपोर्ट आईजीयू के माध्यम से उच्चतर शिक्षा निदेशालय को भी भेजी गई थी। इस पर संबंधित संस्था के मुखिया होने के नाते प्राचार्यों पर कार्रवाई की गई थी।
Author: Political Play India





