मनीषा मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब, नोटिस जारी

Manisha Death Case : हरियाणा में लगातार इंसाफ की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा भिवानी की महिला अध्यापिका मनीषा की मौत के मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है। मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भिवानी के एसपी को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है। वहीं, मनीषा का शव मिलने के 5 दिन बाद पुलिस की ओर से सुसाइड नोट मिलने की बात कहना खुद में ही कईं सवाल उठा रहा है। इसी बीच मनीषा को इंसाफ दिलाने के लिए हरियाणा के कईं हिस्सों में प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं।

मानवाधिकार आयोग के मांगा जवाब

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी किए गए नोटिस में मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच करने और आयोग के समक्ष 15 दिन के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

संघर्ष जारी

हरियाणा के भिवानी में 19 वर्षीय लेडी टीचर मनीषा के लापता होने, लाश मिलने और अब अंतिम संस्कार के संघर्ष का मंगलवार को 9वां दिन है। इस केस में बार-बार ट्विस्ट आ रहे हैं। इसी केस में भिवानी SP मनबीर सिंह का ट्रांसफर कर दिया गया, एसएचओ समेत 5 पुलिस कर्मी सस्पेंड-लाइन हाजिर किए गए।

5 दिन बाद वायरल हुआ सुसाइट नोट

मनीषा का शव मिलने के 5 दिन बाद 18 अगस्त को पुलिस ने कहा- यह मर्डर नहीं सुसाइड है। अचानक सुसाइड नोट भी वायरल हो गया। इसे पूरे घटनाक्रम के बीच इन सवालों का किसी के पास जवाब नहीं कि यदि 13 अगस्त को मनीषा की लाश मिलने के साथ ही सुसाइड नोट मिल गया था, तो उसे 5 दिन इतना गुप्त क्यों रखा गया ? मंगलवार को रोहतक पुलिस रेंज के IG वाई पूरण कुमार ने कहा कि पुलिस को शव के पास से ही मनीषा के बैग से सुसाइड नोट मिल गया था। हालांकि IG ने इसका जवाब नहीं दिया कि सुसाइड नोट 5 दिन बाद क्यों सार्वजनिक हुआ ?

मौके पर ही मिल गया था सुसाइड नोट

रोहतक रेंज के IG वाई पूरण कुमार ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि मनीषा का सुसाइड नोट 13 अगस्त को शव के पास ही मिल गया था। यह सीन ऑफ क्राइम टीम के पास था। उन्होंने कहा कि पहले ही दिन से साइंटिफिक प्रोसिजर फॉलो कर रहे हैं। डॉक्टरों के ओपिनियन थे कि जब तक फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं आती तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता। अब रिपोर्ट्स सामने आ गई हैं। मनीषा की किडनी, आंतों व अन्य अंगों में इंसेक्टिसाइड मिला है, संभवत वही मौत की वजह बनी। कोई स्ट्रगल मार्क नहीं है और जो स्वैब लिया गया, उसमें कोई सीमन डिपोजिट नहीं हैं, साइंटिफिक रिपोर्ट पर पहली नजर में लगता है कि कोई सैक्सुअल असॉल्ट नहीं हुआ है। बाकी तथ्यों के आधार पर जांच करेंगे।

यह था मामला

11 अगस्त को सुबह घर से स्कूल में पढ़ाने निकली मनीषा शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजनों की चिंता बढ़ी। पिता संजय का आरोप है कि जब वो इसकी शिकायत लेकर पुलिस के पास गए तो जवाब मिला-लड़की भाग गई होगी और 2 दिन बाद लौट आएगी। यह केस 24 घंटे बाद यानी 12 अगस्त की शाम को दर्ज किया गया। यहीं से परिजन का रोष बढ़ना शुरू हुआ। परिवार का कहना है कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई कर दी होती तो शायद उनकी बेटी बच जाती।

13 अगस्त को जिस खेत में मनीषा की लाश मिली, उस खेत के मालिक ने पुलिस को शव पड़े होने की सूचना दी। पुलिस ने लाश पर गहरा कट होने की बात कही। अंदेशा जताया गया कि गर्दन काटकर हत्या की गई। उस दिन पुलिस ने सुसाइड मिलने की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की। लाश की ऐसी हालत देखकर परिजनों और लोगों का गुस्सा और भड़क गया। पुलिस ने यह भी परिजनों और लोगों के बढ़ते रोष को नहीं पहचाना और कई चीजें स्पष्ट नहीं की।

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