गुरुग्राम : केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार की परंपरा रही है, जहाँ माता-पिता और बुजुर्गों की सेवा करना परिवार के प्रत्येक सदस्य की सामूहिक एवं नैतिक जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों का अपनी नई पीढ़ी के साथ जो भावनात्मक जुड़ाव होता है, वह केवल और केवल भारतीय संस्कृति में ही संभव है।
केंद्रीय मंत्री गुरुग्राम के बहोड़ा कला स्थित ब्रह्मकुमारी के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में समाज सेवा प्रभाग एवं ब्रह्मकुमारी के दिल्ली जोन के तत्वावधान में आयोजित संगम-गौरवपूर्ण वृद्धावस्था एवं सम्मानित जीवन के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज समाज के लिए यह आवश्यक है कि हम बुजुर्गों से ज्ञान और अनुभव प्राप्त करें, साथ ही उन्हें अकेलेपन का शिकार न होने दें। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों को एक सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और ब्रह्मकुमारी संस्था के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) से अन्य संस्थानों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे मंत्रालय की इस सार्थक पहल में सहभागी बनेंगे।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 70 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त “वरिष्ठ योजना” के अंतर्गत बुजुर्गों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता के साथ-साथ एक समर्पित हेल्पलाइन के माध्यम से उनकी कठिनाइयों का निवारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरिमा के साथ जीवनयापन करना प्रत्येक मानव का अधिकार है। इसी ध्येय के साथ मंत्रालय द्वारा देश के प्रत्येक आवश्यकता वाले जिले में ओल्ड ऐज होम खोलने की दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है।
Author: Political Play India





