चंडीगढ़ : हरियाणा की आम जनता और राजनीति में इन दिनों सबसे ज्यादा यदि किसी मुद्दे की चर्चा है तो वह सरकार की ओर से हाल ही में बढ़ाए गए जमीनों के कलेक्टर रेट की ही हो रही है। एक ओर विपक्ष इसे जनता पर महंगाई की मार मारने के साथ ही गरीब के आशियाना बनाने के सपने को तोड़ने की बात कह रहा है। वहीं, सत्ता पक्ष की ओर से बढ़े कलेक्टर रेट को लेकर एक अलग तर्क दिया जा रहा है। बढ़े कलेक्टर रेट के अलावा अन्य कईं मुद्दों को लेकर हमने हरियाणा के रेवन्यू व डिजास्टर, निकाय विभाग, सिविल एविएशन मंत्री विपुल गोयल से खास बातचीत की। इस दौरान विपुल गोयल ने विपक्ष के दावों को केवल राजनीतिक स्टंट बताते हुए इसके फायदें बताने के साथ ही राजस्व और स्थानीय निकाय विभाग की योजना के बारे में भी जानकारी दी।
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि देखिए, विपक्ष का काम केवल शोर-शराबा करना है। जमीन के कलेक्टर रेट बढ़ना कोई नई बात नहीं है। हर बार की तरह इस बार भी नियमित तरीके से ही कलेक्टर रेट बढ़े हैं। कलेक्टर रेट के कारण ही जमीन की खरीद-फरोख्त में इस्तेमाल होने वाले कालेधन पर रोक लगती है और सरकार का मकसद भी भ्रष्टाचार को कम करना है। इसी प्रकार से जमीन के सही दाम और मार्केट दाम के अंतर को भी कलेक्टर रेट के जरिए ही कम किया जाता है। इसलिए कलेक्टर रेट बढ़ना एक नियमित प्रक्रिया है।
किसानों को होगा लाभ
कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि कलेक्टर रेट बढ़ने से प्रदेश के किसानों को भी काफी लाभ होगा। फिर चाहे किसान की जमीन को अधिग्रहण करने या फिर किसी अन्य प्रकार के मुआवजे की बात हो। किसानों को बढ़े हुए कलेक्टर रेट के हिसाब से ही उनकी जमीन का मुआवजा मिलेगा।
Author: Political Play India





