चंडीगढ़ : एसवाईएल विवाद को हल करने के मकसद से नई दिल्ली में हुई हरियाणा-पंजाब के मुख्यमंत्रियों की बैठक एक बार फिर से बेनतीजा होने पर हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। अनिल विज ने कहा कि उन्होंने दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के बयान पढ़े हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री ने इतिहास में पहली बार मीटिंग के अच्छे माहौल में होने की बात कही है। अब यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में जाएगा और कोर्ट इस पर अपना अंतिम फैसला देगा।
हरियाणा की बजाए पाकिस्तान में जा रहा पंजाब का पानी
अनिल विज ने कहा कि पंजाब ने विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाकर एसवाईएल के समझौते के रद्द कर दिया गया। नहर के लिए अपने राज्य में अधिग्रहित की गई जमीन को पंजाब ने डिनोटिफाइड कर दिया। कोर्ट के बार-बार आदेश देने के बाद भी पंजाब ने हरियाणा के प्यासे खेतों और लोगों के लिए पानी नहीं आने दिया। हालांकि पंजाब का फालतू पानी रावी नदी के जरिए पाकिस्तान को जा रहा है, लेकिन हरियाणा को नहीं दिया जा रहा। विज ने उम्मीद जताई कि शायद इस मीटिंग के बाद अब समस्या का समाधान हो जाएगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री की ओर से चिनाब का पानी दिए जाने के बयान पर अनिल विज ने कहा कि जिस समय एसवाईएल नहर बनाई गई थी, उस समय यह मुद्दा नहीं था। यह केवल मुद्दे को टालने वाली बात है। उन्होंने कहा कि अब हमारे प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को जाने वाले सिंधू के पानी को रोका है और उसे लेकर योजना बनाई जा रही है, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने हमेशा अपना पाकिस्तान प्रेम ही दिखाया है। उसी प्रेम के चलते कांग्रेस ने अपने राज में पाकिस्तान के हित में उसे पानी देने का काम किया था।
फैसले के अनुसार ही मांग रहे पानी
विज ने कहा कि एसवाईएल विवाद को हल करने के लिए कईं आयोग का गठन हुआ था। जस्टिस रेड्डी का भी एक आयोग बना था। उस आयोग का भी यहीं फैसला था। इसलिए हम ज्यादा पानी की नहीं, बल्कि फैसले के अनुसार ही पानी की मांग कर रहे हैं। हालांकि विज ने कहा कि देश में जब भी कोई राजनीतिक या प्रादेशिक विवाद होता है तो उस पर सुप्रीम कोर्ट ही फैसला करता है और हमारा फर्ज भी बनता है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संहर्ष स्वीकार करते हुए उसे लागू करें।
Author: Political Play India





