Haryana News : सरकार के एक फैसले का आपका आशियाने बनाने पर पड़ेगा असर ! जानिए

Haryana Cabinet : हरियाणा सरकार ने भले ही जमीन के कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी कर दी है, लेकिन दूसरी ओर सरकार ने लोगों को महंगाई से थोड़ी राहत देने की कोशिश भी की है। हरियाणा सरकार के नए फैसले से प्रदेश में  मकान व दुकान आदि बनाने वाले हर व्यक्ति को फायदा होगा। हरियाणा कैबिनेट में सरकार ने निर्माण कार्य में लगने वाले रेत-बजरी, पत्थर के टैक्स में कटौती करने के साथ ही रायल्टी में भी कटौती करने का ऐलान किया है।

रायल्टी और टैक्स में कटौती

हरियाणा कैबिनेट की मीटिंग में अंतरराज्यीय पारगमन पास (ISTP) ढांचे को लागू करने के लिए खनिज खनन नियमों और रायल्टी दरों में संशोधन का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता वाली मीटिंग में दूसरे राज्यों से आने वाले खनिज से भरे वाहनों पर 100 की बजाय 80 रुपए प्रति टन शुल्क वसूलने की मंजूरी दी गई। इसी तरह से पत्थर और बोल्डर पर रायल्टी को भी 100 से घटाकर 80 रुपए प्रति टन किया है।

पहले की थी बढ़ोतरी

बता दें कि 26 जून को हुई कैबिनेट मीटिंग में खनिजों के अंतरराज्यीय परिवहन के लिए 100 रुपए प्रति टन का शुल्क निर्धारित किया था। वहीं पत्थर की रायल्टी को 45 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए प्रति टन और रेत की रायल्टी को 40 रुपए से बढ़ाकर 80 रुपए प्रति टन कर किया था। कैबिनेट के इस निर्णय के बाद भवन निर्माण सामग्री की कीमतों में बड़ा इजाफा हुआ। इसी को ध्यान में रखते हुए और जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर कैबिनेट ने अब इस निर्णय को बदला है। खनन पट्टे के मामले में लघु खनिज के लिए रायल्टी की दर खनिज के लिए लागू दरों के अतिरिक्त 25 प्रतिशत होगी।

इन राज्यों से आती है खनन सामग्री

हरियाणा में खुद के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान व यूपी से खनन सामग्री लाई जाती है। खनन के परिवहन पर लगाए गए शुल्क से प्राप्त धनराशि का उपयोग बुनियादी ढांचे यथा चेक पोस्ट और गेट, निगरानी वाले कैमरे और एआई-आधारित ट्रैकिंग, क्यूआर-कोड सक्षम ई-चालान प्रणाली, मुख्य सड़कों की निगरानी के लिए अन्य तकनीकें और खनन क्षेत्रों से खनन सामग्री के परिवहन की दक्षता बढ़ाने के लिए रसद सहायता में सुधार के लिए किया जाएगा।

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