चंडीगढ़ : केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की ओर से कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में दिए गए एक डिनर को लेकर मचे सियासी घमासान को लेकर अब राव ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। मीडिया से बातचीत में राव ने साफ कहा कि उनकी बेटी आरती राव का घर पहली बार हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में बना है, तो उन्होंने ‘अपने लोगों’ को बुला लिया। उन्होंने कहा जैसे किसी का नया घर बनता है, तो वह अपने लोगों को बुलाता ही है।
राव इंद्रजीत ने स्पष्ट किया जैसे मैं चलता आया हूं, वैसे ही चलता रहूंगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा की तरफ से किसी को यह पूछने के लिए नहीं बुलाया गया कि आप ‘डिनर डिप्लोमेसी’ पर क्यों गए थे। राव ने कहा कि आगे भी लोग ऐसा करते रहेंगे।
सिर्फ मेरे मिलने पर ही सवाल क्यों ?
राव इंद्रजीत सिंह ने उन सवालों पर भी पलटवार किया, जिनमें उनके इस डिनर को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा था। उन्होंने कहा सिर्फ मेरे मिलने पर ही सवाल क्यों होता है? बाकी सारे लोग अपॉइंटमेंट से मिलते हैं, मेरे यहां तो खुला दरबार है। मेरे पिता पूर्व मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह का भी खुला दरबार होता था। 20 साल से मुलाकात चली आ रही है। पहले दिल्ली और रामपुरा हाउस में भी डिनर देते रहे हैं।
अचानक रखे गए डिनर के औचित्य पर राव ने कहा कि दिल्ली में ऐसे डिनर होते रहते हैं और अब यह असर हरियाणा में भी पहुंच रहा है। उन्होंने भाजपा के ‘कमल सखी’ जैसे कार्यक्रमों का उदाहरण दिया, जहां पति-पत्नी को बुलाया जाता है और मीटिंग के बाद खाना भी होता है। उन्होंने कहा, “कमल सखी जैसे प्रोग्राम अगर भाजपा के आदेश पर होते हैं, तो मेरी बेटी का घर राजधानी के अंदर बना है तो अपने लोगों को बुला लिया।
सिर्फ दक्षिण हरियाणा के विधायकों को बुलाने पर राव ने स्पष्ट किया कि दक्षिणी हरियाणा के लोग और विधायक उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। उन्होंने विधायकों को यह कहते हुए बुलाया था कि अगर उन्हें विधायक हॉस्टल में खाना न हो, तो उनके बेटी के घर आकर खा लिया करें, पानी और हुक्का पी लिया करें, क्योंकि यह उनका ही घर है।
डिनर के बाद शुरू हुई सियासी बयानबाजी पर राव ने इस तरह की बयानबाजी को “बकवासबाजी” करार दिया। उन्होंने कहा कि वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा की तरफ से ही आदेश हैं कि आपस में अपने कुनबे को बढ़ाओ और भाईचारा बढ़ाओ। वह पहले से ऐसा करते आए हैं और अब बेटी को घर मिल गया है, तो चंडीगढ़ में भी करेंगे। वह रामपुरा हाउस में भी ऐसा करते रहे हैं।
मार सकते हैं गोली
राव इंद्रजीत ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि सिर्फ उनके मिलने पर ही सवाल क्यों होता है, जबकि बाकी लोग अपॉइंटमेंट से मिलते हैं। उन्होंने कहा मुझसे या मेरी पार्टी से हारे लोगों के मन में इस कदर जहर भरा हुआ है कि मुझे गोली भी मार सकते हैं। मुझे एहतियात बरतना पड़ेगा। यह बयान उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता और राजनीतिक विरोधियों के प्रति उनकी धारणा को दर्शाता है।
उठे थे सवाल
इस डिनर के बाद से विपक्ष भी चुटकियां लेने लगा था, जिससे नई नायब सैनी सरकार की स्थिरता पर सवाल उठने लगे थे। यही नहीं, भाजपा के केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, प्रदेश सरकार में मंत्री राव नरबीर सिंह, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला समेत कई नेताओं को भी सार्वजनिक तौर पर यह कहना पड़ा कि पार्टी एकजुट है और नायब सैनी के नेतृत्व में सरकार चट्टान की तरह मजबूत है। हालांकि, कैबिनेट मंत्री अनिल विज जैसे कुछ नेताओं ने राव के डिनर को सही ठहराया।

Author: Political Play India



