चंडीगढ़ : हरियाणा मैं बिजली के दामों में की गई बढ़ोतरी को लेकर एक ओर जहां विपक्ष लगतार सरकार पर कटाक्ष करते हुए उसे घेरने का काम कर रहा है। वहीं, सरकार के मंत्री दामों में हुई बढ़ोतरी को लेकर अलग-अलग तर्क देते नजर आ रहे हैं। हालांकि हरियाणा के बिजली मंत्री अनिल विज इससे आम इंसान को कोई खास असर नहीं पड़ने के अलावा नई दरों को पड़ोसी राज्यों से कम बता चुके हैं। इसी बीच अब हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी को लेकर एक बड़ा बड़ा खुलासा किया है। कृषि मंत्री ने हाल ही में बाढ़ से हुए नुकसान के दौरान चंडीगढ़ में मीडिया के साथ बातचीत में खुलासा करते हुए कहा “हर चीज के दाम बढ़ते हैं, फसल के भी दाम बढते रहते हैं, हर चीज के दाम बढते हैं तो मैं समझता हूं कि इसलिए बिजली के भी विभाग की ओर से दाम बढ़ाए गए हैं, यह एक प्रक्रिया है।
बता दें कि हाल ही में हरियाणा में बिजली की दरों में कईं सालों के बाद इजाफा किया गया है। बिजली के बढ़े दामों को लेकर इनेलो की ओर से सरकार को चेतावनी दी गई है। बढ़े दाम वापस नहीं लिए जाने की सूरत में इनेलो प्रदेश भर में आंदोलन चलाने की भी चेतावनी जारी कर चुकी है। इसी प्रकार से कांग्रेस नेताओं की ओर से भी सरकार पर बढ़े हुए बिजली के दाम वापस लेने का दवाब बनाते हुए सरकार को घेरने का काम किया जा रहा है।
“किसानों की जमीन से बह रही नदियां”
मानसून के दौरान उफान पर आई प्रदेश की नदियों को लेकर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि नदियों की अपनी कोई जमीन नहीं होती। यमुना नदी का जिक्र करते हुए राणा ने कहा कि नदी के एक तरफ उत्तर प्रदेश ने और दूसरी तरफ हरियाणा ने पटरी बना ली, जबकि नदी के लिए किसी की जमीन एक्वायर नहीं की गई है। इसी प्रकार से मारकंडा नदीं के लिए भी कोई जमीन एक्वायर नहीं की गई है। यह नदियां किसानों की जमीन में बह रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि मारकंड नदी के पानी में नाइट्रोजन और यूरिया काफी मात्रा में होता है। इसलिए नदी के साथ लगते किसान यह प्रार्थना करते हैं कि मारकंडा का पानी उनके खेत से गुजर जाए, जिससे उनकी फसल अच्छी हो। श्याम सिंह ने दावा किया कि हमारा देश बारिश के कारण ही कृषि प्रधान देश है।
बीमा से मिलेगा क्लेम-राणा
हाल ही में हुई बारिश के कारण यमुनानगर की शुगर मिल में खऱाब हुई करोड़ों रुपए की चीनी को लेकर श्याम सिंह राणा ने कहा कि नाले के ओवरफ्लो होने के कारण शुगर मिल के गोदाम में रखी चीनी में से करीब 10 करोड़ रुपए की चीनी खराब हुई है। उन्होंने बताया कि खराब हुई चीनी का केवल 10-20 प्रतिशत ही मिल को वहन करना पड़ेगा, शेष का बीमा राशि से भुगतान हो जाएगा। उन्होंने मिल प्रबंधन को सलाह दी कि यदि वह गोदाम कुछ ऊंचाई पर बना लेंगे तो भविष्य में इस प्रकार से नुकसा नहीं होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस नुकसान को लेकर मिल अधिकारियों की ओर से अपने स्तर पर जांच की जा रही है। इसके अलावा उनके विभाग के अधिकारी भी अपने स्तर पर जांच करेंगे।

Author: Political Play India



